कभी कभी यूँ अनजान रास्तों पर
यूँ ही निकलता हूँ , कुछ लोग रस्ते में मिलते हैं
कुछ घर ,पर समझना कठिन है की रास्ता कौन सा है
................................................................................कभी लगता है की सब कुछ रस्ते पर है पर कभी कभी कुछ लगता है की मैं खुद ही भटक गयां हूँ .....................................................................................................................................समझना कठिन है.