Monday, September 20, 2010

एक स्कूल में

कुछ दिन से मन परेशान है
यूँ ही हैरान है ,
ये मौसम का तकाजा है या मेरी बेबसी
पर कुछ मन परेशान ,
काश मै इतिहास जी जाता
उन पंक्तियों को पी जाता ,
जो गलत हैं , हमारे हमारे मन को उद्दिग्न करती हैं
कुछ दिन से मन परेशान हैं ।

1 comment:

  1. hamesha rahega man yunhee pareshaan... kyonki na jane kitne man yunhi sochte hai... well written...

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