उसकी याद तो एक किताब है
हर पन्ने पर एक नई कहानी लिखी है
मेरे उसके एक एक पल की कहानी
कभी गुस्साना कभी हंस के भाग जाना
उस दिन की बात जब उसकी बारात आयी
और वो किसी के साथ चली गयी
मेरा गम सुम हो जाना और बनावट का मुस्कराना
आज भी कभी कभी वो किताब पढ़ता हूँ
खुद से ही मुस्कुराता हु और चुप हो जता हू.
No comments:
Post a Comment