Thursday, June 25, 2009

हमारा दिल

जब खोजते हैं की हमारा दिल कहाँ है
तब फूलों की तरफ बेबस नजरों से देखतें हैं
डाली पर खिले फूल टूटे पत्ते फिर
धुधतें हैं हमारा दिल कहाँ हैं
जब खोजते हैं हमारा दिल कहाँ है
paharon की उचैयाँ समन्दर की गहराई
बेबस नजरों से खोजते हैं हमारा दिल कहाँ हैं

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